(اردو ایکسپریس) Urdu Express Poetry SMS
कोई खुशियों की चाह में रोया.कोई दुखों की पनाह में रोया..
अजीब सिलसिला हैं ये ज़िंदगी का
कोई भरोसे के लिए रोया.कोई भरोसा कर के रोया..
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