Wednesday, July 22, 2009

Hindi poems on patriotism



Here is one of the best Hindi poems on patriotism. Hindi poems on patriotism are easy to find but not a Patriotic Indian


घोर अंधकार हो,
चल रही बयार हो,
आज द्वार-द्वार पर यह दिया बुझे नहीं
यह निशीथ का दिया ला रहा विहान है।
शक्ति का दिया हुआ,
शक्ति को दिया हुआ,
भक्ति से दिया हुआ,
यह स्वतंत्रता-दिया,
रुक रही न नाव हो
ज़ोर का बहाव हो,
आज गंग-धार पर यह दिया बुझे नहीं,
यह स्वदेश का दिया प्राण के समान है।


यह अतीत कल्पना,
यह विनीत प्रार्थना,
यह पुनीत भावना,
यह अनंत साधना,
शांति हो, अशांति हो,
युद्ध, संधि, क्रांति हो,
तीर पर, कछार पर, यह दिया बुझे नहीं,
देश पर, समाज पर, ज्योति का वितान है।


तीन-चार फूल है,
आस-पास धूल है,
बाँस है -बबूल है,
घास के दुकूल है,
वायु भी हिलोर दे,
फूँक दे, चकोर दे,
कब्र पर मज़ार पर, यह दिया बुझे नहीं,
यह किसी शहीद का पुण्य-प्राण दान है।


झूम-झूम बदलियाँ
चूम-चूम बिजलियाँ
आँधियाँ उठा रहीं
हलचलें मचा रहीं
लड़ रहा स्वदेश हो,
यातना विशेष हो,
क्षुद्र जीत-हार पर, यह दिया बुझे नहीं,
यह स्वतंत्र भावना का स्वतंत्र गान है।


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