(اردو ایکسپریس) Urdu Express Poetry SMS
हमने ये शाम चराग़ों से सजा रक्खी है, आपके इंतजार में पलके बिछा रखी हैं, हवा टकरा रही है शमा से बार-बार, और हमने शर्त इन हवाओं से लगा रक्खी है। kunwar
No comments:
Post a Comment