Wednesday, July 14, 2010

Aaksar Mere Dil Mein Uthta Hai Yea Sawal

इस हद की हद क्या है बता दे कोई
तेरे प्यार का सबब बता दे कोई
सिलसिला जो तेरी नज़रों से शुरू हुआ
उस सिलसिले का फलसफा बता दे कोई


दिल करता है………
ये ज़िन्दगी कट जाए तेरी बातों के सहारे
तेरे केशुओं की खुश्बू, तेरी अंखियों के नज़ारे
ये तेरा रूठना यूँ रूठकर मान जाना
डरता हूँ कहीं बना न दे मुझको दीवाना


चल पड़ा हूँ उस राह पर
जिसका अंजाम नहीं जानता हूँ में
पर दुनिया की इस भीड़ में
अब तुझे ही पहचानता हूँ मैं

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