इस हद की हद क्या है बता दे कोई
तेरे प्यार का सबब बता दे कोई
सिलसिला जो तेरी नज़रों से शुरू हुआ
उस सिलसिले का फलसफा बता दे कोई
दिल करता है………
ये ज़िन्दगी कट जाए तेरी बातों के सहारे
तेरे केशुओं की खुश्बू, तेरी अंखियों के नज़ारे
ये तेरा रूठना यूँ रूठकर मान जाना
डरता हूँ कहीं बना न दे मुझको दीवाना
चल पड़ा हूँ उस राह पर
जिसका अंजाम नहीं जानता हूँ में
पर दुनिया की इस भीड़ में
अब तुझे ही पहचानता हूँ मैं
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