कौन है पुरुष (who is a male)
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¤ भगवान की ऐसी रचना जो बचपन से ही त्याग और समझौता करना सीखता है ।
¤ वह अपने चॉकलेटस का त्याग करता है बहन के लिये ।
¤ वह अपने सपनो का त्याग कर माता-पिता की खुशी के लिये उनके अनुसार कैरियर चुनता है।
¤ वह अपनी पुरी पॉकेट मनी गर्ल फ़्रेंड के लिये गिफ़्ट खरीदने में लगाता है ।
¤ वह अपनी पुरी जवानी बीवी-बच्चों के लिये कमाने में लगाता है ।
¤ वह अपना भविष्य बनाने के लिये लोन लेता है और बाकी की ज़िंदगी उस लोन को चुकाने में लगाता है ।
¤ इन सबके बावजुद वह पुरी ज़िंदगी पत्नी, माँ और बॉस से डांट सुनने में लगाता है ।
¤ पुरी ज़िंदगी पत्नी, माँ, बॉस और सास उस पर कंट्रोल करने की कोशिश करते हैं ।
¤ उसकी पुरी ज़िंदगी दुसरो के लिये ही बीतती है ।
और बेचारा पुरुष
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¤ बिवी पर हाथ उठाये तो “बेशर्म” ।
¤ बिवी से मार खाये तो “बुजदिल” ।
¤ बिवी को किसी और के साथ देख कर कुछ कहे तो “शक्की” ।
¤ चुप रहे तो “डरपोक” ।
¤ घर से बाहर रहे तो “आवारा” ।
¤ घर में रहे तो “नाकारा” ।
¤ बच्चों को डांटे तो “ज़ालिम” ।
¤ ना डांटे तो “लापरवाह” ।
¤ बिवी को नौकरी करने से रोके तो “शक्की” ।
¤ बिवी को नौकरी करने दे तो बिवी की “कमाई खाने वाला” ।
¤ माँ की माने तो “चम्मचा” ।
¤ बिवी की माने तो “जोरु का गुलाम” ।
पुरी ज़िंदगी समझौता, त्याग और संघर्ष में बिताने के बावजुद वह अपने लिये कुछ नहीं चाहता ।
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इसलिये एक पुरुष की हमेशा इज़्ज़त करें । एक पुरुष बेटा, भाई, बॉय फ़्रैंड, पति, दामाद, पिता हो सकता है, जिसका जीवन हमेशा मुश्किलों से भरा हुआ है ।
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Always Respect A Male.
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